Friday, 4 January 2019

Wish for 2019






बप्पा को सलाम - कट्प्पा को पैगाम !

कर्त्तव्य-सजग हों और काम में अति प्रवीण
लगा हो उन पर ईमानदारी का अमिट ठप्पा
फिर क्यों वो बेईमानों का साथ देते
क्यों बन जाते हैं एक और कट्प्पा ?

मन सुलगता है पर चुप लगा जाते हैं
क्यों नहीं कह पाते सच्चा किस्सा 
कि हो रहा है सब कुछ संघठन में गलत
और मैं नहीं बनूँगा ऐसे सिस्टम का हिस्सा ?

यस मैन बन चुके हैं वो पूरी तरह
निष्ठा क्यों उनकी एक व्यक्ति की ओर
क्या उनकी नौकरी की चिंता है इतनी बड़ी
कि उनकी लाचारी करे संघठन को कमजोर

क्या इस नये साल - 2019 में
हम कुछ अच्छे बदलाव पायेंगे
क्या कुछ कटप्पा गुलामी की जंजीर तोड़
आईने में खुद से आँखें मिला पायेंगे ?

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