Wednesday, 18 April 2018

क्यों


 क्यों

एक और युवा ने इश्क में नाकामी से आत्मघात किया,
दादी, विधवा मां, बहन को समाज भरोसे छोड़ दिया !

अपने घर में शाम का चूल्हा जलने का भरोसा नहीं,
पर ठस दिल का सुनना है, विवेकी दिमाग का नहीं !

क्यों हम इस कम्बख्त इश्क को इतना मान देते हैं,
क्यों इसके लिए पैसा, समय और कभी जान देते हैं !
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